milap singh

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Saturday 1 November 2014

कालाधन

कालाधन अब हो चुका शवेत
बैठ के बस तू तमाशा देख

इतने सालों से हल्ला पडा था
निश्चिंत थे क्या वो कमरे में बैठ

खाली अकाउंट रह गए होंगे
ले गए होंगे भर पैसे के बैग

तीन लाख नहीं है अब मिलने वाले
आवरण तू खोल के सपनों का फैंक

------- मिलाप सिंह भरमौरी

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