milap singh

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Thursday 20 November 2014

Dharm


इक चमत्कार की चाह ने
कितनों की दुकानें चलाईं

खूब चढाया चंदा
चाहे कितनी भी हो मंहगाई

फिर खूब नतीजे देखे
और खूब सुर्खियां आई

मान के खुद को मालिक
जब उन्होंने रास रचाई

---- मिलाप सिंह भरमौरी

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