milap singh

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Wednesday 5 November 2014

Sochte huye


सोचते हुए निकल जाती है रात
कि कल तुमसे बात करूंगा

तुम कबूल कर लोगी मोहब्बत
अगर इस तरह शुरुआत करूंगा

पर रोज दिन गुजर जाता है
और मैं कुछ कह नहीं पाता हूँ

कभी तुम खुद ही समझ जाओ न
आखिर कब तक बिन आग जलूंगा

----- मिलाप सिंह भरमौरी

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