milap singh

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Sunday 2 November 2014

यह मन


यह मन कितना कंजर है
कितना कालिख इसके अंदर है
वो भाई बहन बैठे होंगे बस की सीट पर
और यह कहता है कि इश्क का मंजर है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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