milap singh

milap singh

Wednesday 12 November 2014

Tumse milne ke liye


तुमसे मिलने के लिए
कुछ ऐसे दिल करता है

जैसे पानी की तलाश में
पंछी प्यासा भटकता है

फिर तेरे जाने के बाद
कुछ ऐसे मुझे लगता है

जैसे सिर से जुदा होकर
जिस्म कोई तडपता है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

No comments:

Post a Comment